प्यारे पथिक

जीवन ने वक्त के साहिल पर कुछ निशान छोडे हैं, यह एक प्रयास हैं उन्हें संजोने का। मुमकिन हैं लम्हे दो लम्हे में सब कुछ धूमिल हो जाए...सागर रुपी काल की लहरे हर हस्ती को मिटा दे। उम्मीद हैं कि तब भी नज़र आयेंगे ये संजोये हुए - जीवन के पदचिन्ह

Thursday, February 12, 2009

तुमने मुझे प्रेम की नयी परिभाषा सिखाई

मित्रो,
इस कविता की रचना मैंने सन् २००० के अन्तिम मॉस में अपनी अर्धांगिनी के लिए की थी। और यह कविता आज भी मेरे दिल के करीब हैं।

तुमने मुझे प्रेम की नयी परिभाषा सिखाई।
प्रेम, सिर्फ़ रुदन ही नहीं उल्लास भी हैं ।
प्रेम खोने का डर नही, पाने की प्यास भी हैं।
तुमने मुझे प्रेम की नयी परिभाषा सिखाई ।

मैं तो जी रहा था, शुष्क जीवन मरुथल में।
मृग मारिचिकाओं के मोह से आहात पल-पल में।
तुम सावन की पहली बदरी बन जीवन पर छाई।
तुमने मुझे प्रेम की नयी परिभाषा सिखाई .

जीवन भोर पर, निशा निवास था चिर स्थाई ।
हर्ष ज्योत्सना खंड-खंड, तिमिर सघन प्रचंड ।
तुन, उषा की प्रथम रश्मि बन जीवन में आई।
तुमने मुझे प्रेम की नयी परिभाषा सिखाई ।

भय के धूमल अंधड़ में, छूट रही थी सांसो की माला।
सूना सूना ही था, जीवन में खुशियों का प्याला।
तुम, सोम-सुधा की मृदुल फुहारबन जीवन पर छाई।
तुमने मुझे प्रेम की नयी परिभाषा सिखाई .

तुमने मुझे प्रेम की नयी परिभाषा सिखाई।
प्रेम, सिर्फ़ रुदन ही नहीं उल्लास भी हैं ।
प्रेम खोने का डर नही, पाने की प्यास भी हैं।
तुमने मुझे प्रेम की नयी परिभाषा सिखाई ।

9 comments:

  1. "मैंने प्रेम अचानक पाया
    गया ब्याह में युवती लाने
    प्रेम ब्याह कर संग में लाया."
    केदार जी की इस कविता का खयाल अपने आप आ गया, आपकी यह रचना पढ़कर.

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  2. बहुत सुन्दर, प्रेम दिवस की शुभकामनाएं

    ---
    गुलाबी कोंपलें

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  3. प्रेम की नई परिभाषा के साथ स्वागत.

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  4. हिन्दी चिट्ठाजगत में आपका हार्दिक स्वागत है. नियमित लेखन के लिए शुभकामनाऐं.

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  5. बहुत सुंदर…..आपके इस सुंदर से चिटठे के साथ आपका ब्‍लाग जगत में स्‍वागत है…..आशा है , आप अपनी प्रतिभा से हिन्‍दी चिटठा जगत को समृद्ध करने और हिन्‍दी पाठको को ज्ञान बांटने के साथ साथ खुद भी सफलता प्राप्‍त करेंगे …..हमारी शुभकामनाएं आपके साथ हैं।

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  6. सुंदर लिखा है...ब्लॉग जगत में आपका स्वागत है,, आगे भी ऐसे ही लिखते रहिये...

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  7. हिंदी लिखाड़ियों की दुनिया में आपका स्वागत। खूब लिखे। अच्छा लिखें हजारों शुभकामंनाए।

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