दिल टूटने से, और बढ़ गई दिलों की दूरियाँ
पर कोई क्या बताए क्यों थी दिलों में दूरियाँ
दिल में रख छोड़ा था एक ख्याब सुनहरा सा
जिनमे हमेशा वो रहा जिसके ख्याबों में मैं ही कहाँ था?
और क्या कहें, क्या रही हमारी मजबूरियाँ
दिल टूटने से, और बढ़ गई दिलों की दूरियाँ
उम्र-भर बैठे रहे, जिसकी राहों में हम नज़रें बिछाए
मुझसे मिला वो, तो उसके पास मेरे लिए वक्त ही कहाँ था?
और क्या कहें, क्या रहीं ज़माने भर की मसरूफियाँ
दिल टूटने से, और बढ़ गई दिलों की दूरियाँ
मंजिलों की तलाश में हम चले तो सब साथ-साथ थे,
जिसके साथ मैं चला, उसके हाथ में मेरा हाथ ही कहाँ था?
और क्या कहें, क्या रही मेरी बदनाम कहानियाँ
दिल टूटने से, और बढ़ गई दिलों की दूरियाँ
हाल-ए-दिल कहने को लिखी जिसके नाम गज़लें तमाम,
उनको सुनने को वो, महफ़िल में तन्हा आया ही कहाँ था?
और क्या कहें, क्या रही उस शाम मेरी खामोशियाँ
दिल टूटने से, और बढ़ गई दिलों की दूरियाँ
दिल टूटने से, और बढ़ गई दिलों की दूरियाँ
पर कोई क्या बताए क्यों थी दिलों में दूरियाँ
बेहतरीन रचना लेकिन इतनी उदासी ठीक नही भाई।
ReplyDeleteअच्छी लगी आपकी यह रचना ...
ReplyDeleteबेहद पसन्द आयी आपकी यह रचना..............
ReplyDeleteदिल टूटने से, और बढ़ गई दिलों की दूरियाँ
ReplyDeleteपर कोई क्या बताए क्यों थी दिलों में दूरियाँ
अच्छी रचना
दिल टूटने से, और बढ़ गई दिलों की दूरियाँ
ReplyDeleteपर कोई क्या बताए क्यों थी दिलों में दूरियाँ
सुधीर जी इस प्रश्न का उत्तर तो मैं पिछले 50 वर्षों से ढूंढ रहा हूँ।
यदि आपको िमल जाये तो मुझे भी बताना जी!
दिल में रख छोड़ा था एक ख्याब सुनहरा सा
ReplyDeleteजिनमे हमेशा वो रहा जिसके ख्याबों में मैं ही कहाँ था?
वाह... कई लोगों के दिल कि बात कह दी आपने....सुन्दर रचना
हाल-ए-दिल कहने को लिखी जिसके नाम गज़लें तमाम,
ReplyDeleteउनको सुनने को वो, महफ़िल में तन्हा आया ही कहाँ था?
और क्या कहें, क्या रही उस शाम मेरी खामोशियाँ
दिल टूटने से, और बढ़ गई दिलों की दूरियाँ
दिल टूटने से, और बढ़ गई दिलों की दूरियाँ
पर कोई क्या बताए क्यों थी दिलों में दूरियाँ
सुधीर भाई बहुत बडिया गीत है। शुभकामनायें
दिल टूटने से, और बढ़ गई दिलों की दूरियाँ
ReplyDeleteपर कोई क्या बताए क्यों थी दिलों में दूरियाँ
बहुत खूब भावपूर्ण रचना -- सुन्दर भाव
हम्म्म एक सुंदर पर उदास रचना.
ReplyDeleteदिल टूटने से, और बढ़ गई दिलों की दूरियाँ
ReplyDeleteपर कोई क्या बताए क्यों थी दिलों में दूरियाँ ...
बहुत अच्छी है आपकी रचन ........ अच्छे भाव लिए