कोई सवाल मेरे बारे में , ख़ुद से उठाते तो होगे
अपनी आँखों में जब पिछली कहानी दबाते होगे
कोई बूँद गालों पर गिरने से बचाते तो होगे
पढ़ी कितनी गज़लें बज्मो में मेरे गुमनाम दोस्त मैंने तेरे नाम की
कोई शेर उनमे से तुम अपना समझकर बीती बातों पर गुनगुनाते तो होगे
कई शब यारों ने छेड़ी महफिल में बातें हमारी तुम्हारी
कोई किस्सा उनका दोस्त अपने आकर तुमको भी सुनाते तो होंगे
कई किस्से नए-पुराने तुम्हे गुदगुदाते भी होंगे, रुलाते भी होंगे
कोई आह मेरे नाम की लेकर तुम सबसे घबराते तो होगे
मैंने सुना हैं कि तुम्हे न शिकवा मुझसे, मुझे न शिकायत तुझसे,
जो कह न सके हम, उस दिल्लगी को बताने को ख़त उठाते तो होंगे
वक्त ने खिंची जो दूरियां हम में, तुम ख्याबों उसे मिटाते तो होगे
कोई शाम, इस दुनिया की रिवायतों से दूर, मेरे आगोश में बिताते तो होंगे
कोई सवाल मेरे बारे में , ख़ुद से उठाते तो होगे
मोहब्बत के एहसास समेटे हुए एक बहुत अच्छी कविता
ReplyDeletebahut sunder! aapka lekhan bhata hain harbaar
ReplyDeleteअपनी आँखों में जब पिछली कहानी दबाते होगे
कोई बूँद गालों पर गिरने से बचाते तो होगे
पढ़ी कितनी गज़लें बज्मो में मेरे गुमनाम दोस्त मैंने तेरे नाम की
कोई शेर उनमे से तुम अपना समझकर बीती बातों पर गुनगुनाते तो होगे