आज अपने विवाह की १०वी वर्षगांठ पर अपनी प्राण-प्रिया के लिए चंद पंक्तियाँ लिख रहा हूँ...मेरी हिंदी की डाक्टर साहिबा पत्नी को हो सकता है यें कविता काव्य-शास्त्रों के मापदंडों पर खरी न उतरती हुई प्रतीत हो... पर मैं इस सार्वजानिक मंच से बस इतना ही कहना चाहिंगा - यदि भावों की अभिव्यक्ति कविता है, यदि ह्रदय की टीस कविता हैं, यदि अव्यक्त अभिलाषाओं की बातें कविता हैं, तो प्रिय, फिर ये मेरे ह्रदय-उदगार भी कविता हैं....
तुम! तुम ही क्यों वो,
जो मेरे अंतः का हर स्पंदन,
बोली या सहमी हर धड़कन
ह्रदय की हर परिभाषा -
आशा या निराशा
यूँ खुली किताब सा पढ़ लेते हो
और वो सब, निःशब्द
बिना अलंकार, सज्जा-श्रृंगार
बिना किसी मिथक
हर भाव पृथक-पृथक
नैनों से कह देते हो
मुठ्ठी भर मुस्कान
कुछ आंसू जाने अनजान
कुछ सच्चाई कुछ कडुवाहट
बिना शोर बिना शिकायत
सब कुछ!! बिना राग
जीवन के भारी काव्य
मेरे काँधों पर सर रख
सांसों में गा लेते हो....
सुख-दुःख की बन्दर-बाट
पाप-पुण्य की बिछी बिसात
स्वप्नलोक के टूटे घट
अभिलाषाओं के प्यासे पनघट
सब भूला-
पीयुष घटा की प्रथम फुहार बन
आलिंगन में कस लेते हो...
तुम! तुम ही क्यों वो,
जो मेरे अंतः का हर स्पंदन,
बोली या सहमी हर धड़कन
यूँ खुली किताब सा पढ़ लेते हो
तुम! तुम ही क्यों वो,
ReplyDeleteजो मेरे अंतः का हर स्पंदन,
बोली या सहमी हर धड़कन
ह्रदय की हर परिभाषा -
आशा या निराशा
विवाह की 10वीं वर्ष्गाँठ पर दोनो को धेरों आशीर्वाद शुभकामनायें और प्यार । भगवान दोनो की जोडी को ऐसे ही बनाये रखे और घर मे हर खुशी हो। कविता दिल को छू गयी।
Aapki ardhangini ko yah tohfa zaroor pasand aayega! Usse adhik bhayegi,uske peechhe kee bhavnaa!
ReplyDeleteBahut,bahut mubarak ho!
aapko shadi ki 10vi varshgaanth ki haardik badhaai.........har bhav jo dil se nikle usi kaa naam kavita hai..........kavita koi kisi khas shabdo ya alankaron mein nahi basti ye to man ke upje bhav hi kavita ka roop dharan kar lete hein aur aapne to itni sundar saugaat di hai jise padhkar aapki patni behad khush hongi........amulya saugaat haiye.
ReplyDeleteआपके शब्दों की गहराई से अन्जान नहीं हैं पर सुन्दरता रह रह कर रुकने पर मज़बूर करती है ।
ReplyDeleteशादी की वर्षगांठ की बहुत बधाई एवं अनन्त शुभकामनायें.आशीर्वाद!
ReplyDeleteशादी कि वर्षगाँठ की बधाई ...कविता बहुत खूबसूरत भाव से सजी है..
ReplyDeleteआदरणीय मित्रों,
ReplyDeleteआप सभी श्रेष्ठजनों की शुभेच्छा और आशीष ने हमारी दसवीं वैवाहिक वर्षगांठ का उल्लास और आनंद अत्याधिक बढा दिया. मैं और मेरी पत्नी दोनों ही आपकी शुभ-कामनाओं के लिए आभारी हैं.
सादर
सुधीर.
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