देख तेरी बेपरवाह दिल्लगी ने,
मुझको किस कदर तमाशा बनाया।
खैर अच्छा हुआ क्योंकि -
तमाशा देखते हैं ज़माने वाले
इसी बहाने, उन्हें मेरा ख्याल तो आया।
मुझको किस कदर तमाशा बनाया।
खैर अच्छा हुआ क्योंकि -
तमाशा देखते हैं ज़माने वाले
इसी बहाने, उन्हें मेरा ख्याल तो आया।
किसी हाशिये पर अनजान ही
कट जाती जिंदगी तन्हा मेरी,
चलो, अब सबकी जुबान पर
तेरे नाम के साथ मेरा नाम तो आया।
इसी बहाने, उन्हें मेरा ख्याल तो आया।
दो तंज ही सही, यह रंग ही सही
अब मुझसे मुखतिब हैं ज़मानेवाले
आज जिंदा हूँ पर कल मिलही जायेंगे
अब मुझसे मुखतिब हैं ज़मानेवाले
आज जिंदा हूँ पर कल मिलही जायेंगे
मेरे नाम पर गज़ले गाने वाले।
तेरी बेरुखी ने सच, एक फ़साना तो बनाया
इसी बहाने, उन्हें मेरा ख्याल तो आया।
तेरी बेरुखी ने सच, एक फ़साना तो बनाया
इसी बहाने, उन्हें मेरा ख्याल तो आया।
सुन्दर प्रस्तुति।
ReplyDeleteप्यार परस्पर हो अगर रखते लोग खयाल।
राह सुगम है प्रेम का कभी कभी जंजाल।।
सादर
श्यामल सुमन
09955373288
www.manoramsuman.blogspot.com
shyamalsuman@gmail.com
... सुन्दर रचना !!!!!!
ReplyDeleteबेहद खूबसूरत भाव हैं ...आपने रचना बहुत मन से लिखी है ..
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