tag:blogger.com,1999:blog-4477903639588767281.post2865514079692253801..comments2023-07-23T11:53:21.109-04:00Comments on जीवन के पदचिन्ह: काश! हम भी एक मौसमी दरख्त हो पातेSudhir (सुधीर)http://www.blogger.com/profile/13164970698292132764noreply@blogger.comBlogger16125tag:blogger.com,1999:blog-4477903639588767281.post-80131070688025856212009-11-10T03:31:55.683-05:002009-11-10T03:31:55.683-05:00काश! हम भी एक मौसमी दरख्त हो पाते
सांसों की शाख छो...काश! हम भी एक मौसमी दरख्त हो पाते<br />सांसों की शाख छोड़ने से पहले<br />एक बार ही सही ,<br />यार के लिए यूँ ही मुस्कुराते,<br />जाते जाते उसका दामन रंगों से भर जाते !!<br />काश! हम भी एक मौसमी दरख्त हो पाते !!<br /><br />अच्ना लाजवाब है मगर हम क्यों बने मौसमी दरख्त फिर हम मे और दूसरों मे फर्क क्या रह जायेगा? ये सही है जो अपना रंग नहीं बदलते उन्हें दुखी तो होना ही पडता है। कविता बहुत भावनात्मक और कमाल का शब्द शिल्प लिये है बधाई और शुभकामनायें अपने प्रति अपने छोटे भाई का स्नेह देख कर अभिभूत भी हूँनिर्मला कपिलाhttps://www.blogger.com/profile/11155122415530356473noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4477903639588767281.post-51754683271816795752009-11-09T05:36:09.688-05:002009-11-09T05:36:09.688-05:00इसे कहते हैं पोएटिक सेंस। यकीन जानिए आपने बहुत लाज...इसे कहते हैं पोएटिक सेंस। यकीन जानिए आपने बहुत लाजवाब बात कही है। बधाई।<br />------------------<br /><a href="http://sb.samwaad.com/" rel="nofollow">और अब दो स्क्रीन वाले लैपटॉप।</a><br /><a href="http://ts.samwaad.com/" rel="nofollow">एक आसान सी पहेली-बूझ सकें तो बूझें।</a>Arshia Alihttps://www.blogger.com/profile/14818017885986099482noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4477903639588767281.post-53743310991968283932009-11-07T00:31:34.421-05:002009-11-07T00:31:34.421-05:00prakriti se gahra prem hai hamko aur aapki is kavi...prakriti se gahra prem hai hamko aur aapki is kavita ne to man hi moh liya haan..काश! हम भी एक मौसमी दरख्त हो पाते" Kaash! aisa ho pataप्रियाhttps://www.blogger.com/profile/04663779807108466146noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4477903639588767281.post-71211723549296174052009-11-06T00:24:54.835-05:002009-11-06T00:24:54.835-05:00मौसम की करवट पर,
हवाओं की छम-छम पाजेब पर,
आशिक़ म...मौसम की करवट पर, <br />हवाओं की छम-छम पाजेब पर,<br />आशिक़ मिजाज पेडों को <br />जब रंग बदलते देखता हूँ<br />तो सोचता हूँ क्या यही प्यार है,<br />इश्क का इज़हार है <br />बहुत खूब ......सुधीर जी आपकी तो पहली पंक्तियों ने ही मन मोह लिया.....!!हरकीरत ' हीर'https://www.blogger.com/profile/09462263786489609976noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4477903639588767281.post-25374117292467026572009-11-05T10:07:09.407-05:002009-11-05T10:07:09.407-05:00"काश! हम भी एक मौसमी दरख्त हो पाते
सांसों की ..."काश! हम भी एक मौसमी दरख्त हो पाते<br />सांसों की शाख छोड़ने से पहले <br />एक बार ही सही ,<br />यार के लिए यूँ ही मुस्कुराते,<br />जाते जाते उसका दामन रंगों से भर जाते!!"<br /><br />वाह....!<br />बेहद खूबसूरत अभिव्यक्ति!डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'https://www.blogger.com/profile/09313147050002054907noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4477903639588767281.post-90854101459606935662009-11-04T06:24:58.665-05:002009-11-04T06:24:58.665-05:00ओह! अपने बारे में कहूं तो प्रकृति के साथ कदमताल नह...ओह! अपने बारे में कहूं तो प्रकृति के साथ कदमताल नहीं कर पा रहा।<br />जब नर्म होना था, सख्त हो गये।<br />दूब बनना था, मौसमी दरख्त हो गये!Gyan Dutt Pandeyhttps://www.blogger.com/profile/05293412290435900116noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4477903639588767281.post-34409853856138015382009-11-04T03:18:09.834-05:002009-11-04T03:18:09.834-05:00adhbhut .....adhbhut .....डॉ .अनुरागhttps://www.blogger.com/profile/02191025429540788272noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4477903639588767281.post-7610801871150929612009-11-04T03:13:47.137-05:002009-11-04T03:13:47.137-05:00रचना बहुत अच्छी है और फोटो भी....रचना बहुत अच्छी है और फोटो भी....pallavi trivedihttps://www.blogger.com/profile/13303235514780334791noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4477903639588767281.post-69393523242400168932009-11-04T01:35:08.103-05:002009-11-04T01:35:08.103-05:00प्यार और इश्क तो आपकी नज़रों में है जो इतना अच्छा ...प्यार और इश्क तो आपकी नज़रों में है जो इतना अच्छा देख पाते हैं और महसूस कर पाते हैं ...........खूबसूरत रचना है ......दिगम्बर नासवाhttps://www.blogger.com/profile/11793607017463281505noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4477903639588767281.post-88546778140558732972009-11-04T01:34:42.912-05:002009-11-04T01:34:42.912-05:00bahut hi bhavpoorna rachna..........behad khoobsoo...bahut hi bhavpoorna rachna..........behad khoobsoorat.vandana guptahttps://www.blogger.com/profile/00019337362157598975noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4477903639588767281.post-67411637690994884192009-11-04T00:58:48.746-05:002009-11-04T00:58:48.746-05:00बहुत भावनापूर्ण तरीके से आपने एक सन्देश दियाबहुत भावनापूर्ण तरीके से आपने एक सन्देश दियाअजय कुमारhttps://www.blogger.com/profile/15547441026727356931noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4477903639588767281.post-42304440551103069082009-11-04T00:04:48.172-05:002009-11-04T00:04:48.172-05:00काश! हम भी एक मौसमी दरख्त हो पाते
सांसों की शाख छो...काश! हम भी एक मौसमी दरख्त हो पाते<br />सांसों की शाख छोड़ने से पहले<br />एक बार ही सही ,<br />यार के लिए यूँ ही मुस्कुराते,<br />जाते जाते उसका दामन रंगों से भर जाते !!<br />काश! हम भी एक मौसमी दरख्त हो पाते !!<br /><br />बहुत खूबसूरत ख्वाहिश ...सुन्दर कविता ...!!वाणी गीतhttps://www.blogger.com/profile/01846470925557893834noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4477903639588767281.post-7501337384041792932009-11-03T17:57:30.321-05:002009-11-03T17:57:30.321-05:00काश! हम भी एक मौसमी दरख्त हो पाते
सांसों की शाख छो...काश! हम भी एक मौसमी दरख्त हो पाते<br />सांसों की शाख छोड़ने से पहले <br />एक बार ही सही ,<br />यार के लिए यूँ ही मुस्कुराते,<br />बेहतरीन भाव है. मौसम के बदल्रते आयाम को दरख्त के मानिन्द समेटने की तमन्नाM VERMAhttps://www.blogger.com/profile/10122855925525653850noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4477903639588767281.post-88981902782368083482009-11-03T16:34:21.952-05:002009-11-03T16:34:21.952-05:00प्रभावी रचना....
हवायों को हवाओं कर लें..प्रभावी रचना....<br /><br /><br />हवायों को हवाओं कर लें..Udan Tashtarihttps://www.blogger.com/profile/06057252073193171933noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4477903639588767281.post-48048772757635942802009-11-03T14:26:03.743-05:002009-11-03T14:26:03.743-05:00बहारों के इश्क का एक रंगीन मौसम, उसमे लिपटे कुछ फ़ल...बहारों के इश्क का एक रंगीन मौसम, उसमे लिपटे कुछ फ़लसफ़ाना खयाल, और उस पर एक दिलकश ख्वाहिश..वाह क्या बात है..मस्त!!!अपूर्वhttps://www.blogger.com/profile/11519174512849236570noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4477903639588767281.post-16034962719326764932009-11-03T14:23:53.305-05:002009-11-03T14:23:53.305-05:00एक मौसम नहीं सौ ऋतुयें देखी हैं,
एक छत जो ईंट-ईंट...एक मौसम नहीं सौ ऋतुयें देखी हैं,<br />एक छत जो ईंट-ईंट जोड़ी है <br />उसके नीचे एक रिश्ता भी न रच पाते है <br />तेरे मेरे शब्दों में खुद अपनों से कट जाते हैं <br />अपने अपने गम का पत्थर लेकर<br />मुकम्मल रिश्तों को भी चुनवाते हैं <br />अपनी गुरूर की मैली चादर<br />झूठी खुशियों की खातिर इतना फैलाते हैं<br />सिर्फ गम के ज़ार-ज़ार पैबंद नज़र आते है<br /><br />bahut hi sunder panktiyan hain.......... dil ko chhoo gayin.........डॉ. महफूज़ अली (Dr. Mahfooz Ali)https://www.blogger.com/profile/13152343302016007973noreply@blogger.com